मुज़फ्फरपुर :- स्वाधार गृह मामले में ब्रजेश,मधु व कृष्णा बरी ; पुलिस की जांच पर बड़ा सवाल

मुज़फ्फरपुर :- स्वाधार गृह मामले में ब्रजेश,मधु व कृष्णा बरी ; पुलिस की जांच पर बड़ा सवाल 

मुजफ्फरपुर:- मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को कौन नहीं जानता। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले को शर्मशार करने वाली घटना बालिका गृह कांड के आरोपियों के खिलाफ स्वाधार गृह मामले को लेकर भी जांच चल रही थी। शुक्रवार को स्वाधार गृह मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश -नवम अजय कुमार मल्ल के विशेष कोर्ट (एससी/एसटी एक्ट) ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु व कृष्ण कुमार राम उर्फ कृष्णा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। हालांकि तीनों बालिका गृह मामले में दिल्ली के तिहाड़ जेल में सज़ा भुगत रहे हैं।स्वाधार गृह मामले बरी होने के बाद भी तिहाड़ जेल से तीनों की रिहाई नहीं होगी।
   विदित हो कि स्वाधार गृह भी ब्रजेश ठाकुर ही चलाता था।स्वाधार गृह योजना महिलाओं के लिए कठिन परिस्थितियों में रहने का एक समाधान है। इस योजना के तहत महिलाओं को आश्रय, भोजन, वस्त्र और स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा दी जाती है। इस योजना का मकसद कठिन परिस्थितियों से गुजर रही महिलाओं को पुनर्वास देकर उन्हें सम्मान के साथ जिंदगी जीने में मदद करना है।
तिहाड़ जेल से पेशी के लिए मुजफ्फरपुर लाया गया 
स्वाधार गृह मामले में दिल्ली के तिहाड़ जेल से ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु व कृष्ण कुमार राम उर्फ कृष्णा को भारी सुरक्षा के बीच मुजफ्फरपुर के विशेष एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया गया । इस मामले में ब्रजेश ठाकुर का अलग व मधु एवं कृष्णा का अलग सत्र विचारण चला। हालांकि विशेष कोर्ट का फैसला एक साथ आया। विशेष कोर्ट ने फैसले में कहा कि मामले विवेचक,सूचक व विशेष लोक अभियोजक आरोपों के समर्थन में साक्ष्य पेश नहीं कर पाए।सूचक तो ब्रजेश ठाकुर पर किसी तरह के आरोप से ही मुकर गए थे।क‌ई गवाह भी मामले के संबंध में कुछ नहीं बता पाए।इन तीनों को सरकारी राशि गबन, धोखाधड़ी, अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार प्रतिषेध अधिनियम, अपहरण व अन्य धाराओं में आरोपित किया गया था। अभियोजन पक्ष इन आरोपों के समर्थन में कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाया। इसलिए तीनों को इस मामले से मुक्त करते हुए बरी कर दिया गया 

पुलिस की जांच पर अधिवक्ता ने उठाए सवाल 

शाइस्ता परवीन उर्फ मधु के अधिवक्ता अन्नू बाबू ने बताया कि मामले में सुनवाई करते हुए विशेष अनुसूचित जाति-जनजाति कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने सभी को बरी कर दिया है। वहीं विशेष अनुसूचित जाति-जनजाति कोर्ट के लोक अभियोजक का कहना है कि पुलिस के द्वारा सही से जांच नहीं करने के कारण आज कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अधिवक्ता ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए हैं। ध्यान रहे कि बालिका गृह कांड का आरोपी रसूखदार है।उसका बाइज्जत बरी होना पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करता है।

तिरहुत लाइव मुजफ्फरपुर पूर्वी अनुमंडल ब्यूरो चीफ कुन्दन कुमार की रिपोर्ट

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