74वीं वर्षगांठ मनाएगा बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ; 1952 में हुई थी स्थापना
74वीं वर्षगांठ मनाएगा बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ; 1952 में हुई थी स्थापना
मुजफ्फरपुर : पिछले 73 वर्षों से पूरे बिहार में उच्च शिक्षा की अलख जगा रहा बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय अपने स्थापना के 74वें वर्ष में प्रवेश कर जाएगा। इसके बाद अगले वर्ष विश्वविद्यालय में हीरक जयंती समारोह मनाए जाने की तैयारी होगी।02 जनवरी 1952 को इसकी स्थापना हुई थी। शुरुआत में पटना काॅलेज के कुछ काॅलेजों को छोड़कर पूरे राज्य का काॅलेज इसी विश्वविद्यालय से जुड़े थे। शिक्षाविद् डॉ श्यामनंदन सहाय के प्रयासों के बाद छाता चौक स्थित सहाय सदन में एक कमरे से इसकी शुरूआत हुई। इसके संस्थापक सदस्य कुलपति श्यामनंदन सहाय बने और इसका नाम बिहार विश्वविद्यालय रखा गया।
प्रत्येक वर्ष करीब दो लाख से अधिक छात्रों का होता है नामांकन
इस विश्वविद्यालय के तहत आने वाले काॅलेजों में हर वर्ष करीब दो लाख से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन होता है।1960 के बाद विश्वविद्यालय में भवन निर्माण की शुरुआत हुई। वहीं 1992 में इसका नाम बदलकर भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय किया गया। वर्तमान में 16 होम्योपैथिक काॅलेज,आठ आयुर्वेदिक,दो यूनानी,12 लाॅ,42 अंगीभूत,80 से अधिक डिग्री कालेज, एक एकेडमिक स्टाफ और 60 बीएड कॉलेज इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 25 विषयों में पीजी की पढ़ाई हो रही है।140 से अधिक काॅलेजों का जुड़ाव इस विश्वविद्यालय से है।
इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की पढ़ाई कराने वाला इकलौता विश्वविद्यालय
पूरे प्रदेश में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड की पढ़ाई कराने वाला यह इकलौता विश्वविद्यालय है। इस कोर्स में पूरे राज्य से विद्यार्थी नामांकन लेते हैं। पहली बार विश्वविद्यालय को इसकी प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी पिछले वर्ष मिली है। वहीं यह इकलौता विश्वविद्यालय है, जो तिरहुत प्रमंडल के छः जिलों के साथ-साथ प्रत्यक्ष रूप से बिहार के 14 जिलों से जुड़ा है। विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार स्नातक में 1.60 लाख नामांकन हुए हैं। साथ ही दिव्यांग जनों की पढ़ाई विशेषकर बीएड समेत अन्य कोर्स का संचालन भी इस विश्वविद्यालय के तहत होता है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जैसी विभूतियों का जुड़ाव इस विश्वविद्यालय से रहा है।
हालिया में राष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां
हाल के दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। पिछले दिनों विश्वविद्यालय ने शोध गंगा पर थीसिस अपलोड करने में देश के टाॅप 10 विश्वविद्यालयों में अपना नाम दर्ज कराया। पिछले वर्ष पहली बार विश्वविद्यालय के एलुमनी एसोसिएशन का गठन किया गया। राष्ट्रीय युवा महोत्सव में विश्वविद्यालय की टीम ने चार पदक अपने नाम किए।17 वर्षों के बाद ईस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी महिला बास्केटबॉल प्रतियोगिता की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ। दूसरी ओर समय पर परीक्षा और परिणाम जारी करने के साथ-साथ छात्रों को समय पर रिजल्ट के साथ-साथ डिग्री उपलब्ध कराना अब भी चुनौती के रूप में खड़ा है।
तिरहुत लाइव मुजफ्फरपुर पूर्वी अनुमंडल ब्यूरो चीफ़ कुन्दन कुमार की रिपोर्ट
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